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बुधवार, जनवरी 19, 2011

गुरु पुष्य योग (20-Januaryr-2010)

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गुरु पुष्यामृत योग,


20-जनवरी-2010 को प्रात: 7:16 से रात 09:08 तक पुष्य नक्षत्र रहेगा।

गुरु पुष्य योग के बारे में अधिक जानकारी हेतु क्लिक करें।

>> गुरु पुष्य योग
>> http://gurutvakaryalay.blogspot.com/2009/12/blog-post_2941.html

>> गुरु पुष्यामृत
>> http://gurutvakaryalay.blogspot.com/2009/12/blog-post_18.html

>> गुरु पुष्य योग का महत्व
>> http://gurutvakaryalay.blogspot.com/2010/12/blog-post_23.html

ग्रह शांति हेतु करें व्रत-उपवास

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व्रत-उपवास द्वारा ग्रह शांति


व्यक्ति कि जन्म कुंडली के अनुसार जो ग्रह पीडा कारक या के दुःख दायी हो, तो ग्रहो से संबंधित वार के अनुशार व्रत करना चाहिये। ग्रह से संबंधित वार का व्रत करने से ग्रह अपना अशुभ प्रभाव दूर कर शुभ प्रभाव देने हेतु मजबूर जाते हैं, जैसे दुष्ट से दुष्ट व्यक्ति को यदि हम दो हाथ जोड कर प्रणाम कर दे तो उसका भी हृदय परिवर्तन हो जाता हैं। थिक उसी प्रकार यदि प्रतिकूल ग्रहो के दुष्ट प्रभाव को उस ग्रह कि पूजा-अर्चना, मंत्र जाप या व्रत उपवास करने से ग्रहो के भी अशुभ प्रभाव स्वतः दूर हो जाते हैं।

रविवार का व्रत
रविवार का व्रत सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने हेतु किया जाता हैं। सूर्य का व्रत करने से हडीया मजबूत होती हैं, पेट संबंधी सभी रोगो का विनाश होता हैं, आंखो कि रोशनी बढती हैं, व्यक्ति का साहर एवं क्षमता में वृद्धि होकर उसका यश चारों और बढता हैं। रविवार का व्रत करने से सूर्य के प्रभाव में आने वाले सभी व्यवसाय एवं वस्तुओ से लाभ प्राप्त होता हैं।

सोमवार का व्रत
सोमवार का व्रत चंद्र ग्रह को प्रसन्न करने हेतु किया जाता हैं। जिस्से व्यक्तिने फेफडे के रोग, दमा, मानसिक रोग से मुक्ति मलती हैं। व्यक्तिनी चंलता दूर होती हैं, नशे कि लत छुडाने हेतु लाभ प्राप्त होता हैं, स्त्रीओं में मासिक रक्त-स्त्राव कि पीडा कम होती हैं। सोमवार का व्रत शिव को प्रिय हैं इस लिये अविवाहित लडकीयो कें १६ सोमवार का व्रत करने से उत्तम वर कि प्राप्ति होती हैं। सोमवार का व्रत करने से चंद्र के प्रभाव में आने वाले सभी व्यवसाय एवं वस्तुओ से लाभ प्राप्त होता हैं।

मंगलवार का व्रत
मंगल का व्रत मंगल ग्रह को प्रसन्न करने हेतु किया जाता हैं। जिस का व्यक्ति स्वभाव उग्र या हिंसात्मक, अधिक गुस्से वाला हो उनके मंगलवार का व्रत करने से मन शांत होता हैं। मंगलवार का व्रत गणपतीजी, हनुमानजी को प्रसन्न करने हेतु भी किया जाता हैं। मंगलवार का व्रत करने से भूत-प्रेत बाधा दूर होती हैं, व्यक्ति के सभी संकट दूर होजाते हैं। अविवाहित लडको के व्रत करने से उसकि बुद्धि और बल का विकास होता हैं। मंगलवार का व्रत करने से मंगल के प्रभाव में आने वाले सभी व्यवसाय एवं वस्तुओ से लाभ प्राप्त होता हैं।

बुधवार का व्रत
बुधवार का व्रत बुध ग्रह को प्रसन्न करने हेतु किया जाता हैं। बुधवार का व्रत व्यवसाय करने वालो हेतु लाभदायी होता हैं। बुधवार का व्रत गणेश जी एवं मां दुर्गा कि कृपा प्राप्ति हेतु किया जाता हैं। इस व्रत के करने से बुद्धिका विकास होता हैं, इस दिन व्रत के साथ दुर्गा सप्तशतीका पाठ करने से मनोवांछित फल कि प्राप्ति होती हैं। बुधवार का व्रत करने से बुध के प्रभाव में आने वाले सभी व्यवसाय एवं वस्तुओ से लाभ प्राप्त होता हैं।

गुरुवार का व्रत
गुरुवार का व्रत बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करने हेतु किया जाता हैं। गुरुवार का व्रत करने से धन - संपत्ति कि प्राप्ति होती हैं घर में सुख-शांति और समृद्धि बढती हैं। लडकी के विवाह में आरही बाधाएं दूर होती हैं। गुरुवार का व्रत करने से बृहस्पति के प्रभाव में आने वाले सभी व्यवसाय एवं वस्तुओ से लाभ प्राप्त होता हैं।

शुक्रवार का व्रत
शुक्रवार का व्रत शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने हेतु किया जाता हैं। शुक्रवार का व्रत करने से व्यक्ति के सौंदर्य में वृद्धि होती हैं, गुप्त रोगोमें लाभ होता हैं, भोग-विलास कि चिज वस्तु में वृद्धि होती हैं। शुक्रवार का व्रत करने से शुक्र के प्रभाव में आने वाले सभी व्यवसाय एवं वस्तुओ से लाभ प्राप्त होता हैं।

शनिवार का व्रत
शनिवार का व्रत शनि ग्रह को प्रसन्न करने हेतु किया जाता हैं। शनिवार का व्रत करने से संपत्ति में वृद्धि होती हैं, खोया हुवा धन पूनः प्राप्त होता हैं। शिक्षा प्राप्ति में आरहे बाधा विघ्न दूर होते हैं। पेटा और पैर के रोग में लाभ प्राप्त होता हैं, पूराने रोग भी थिक होजाते हैं। शनिवार का व्रत करने से शनि के प्रभाव में आने वाले सभी व्यवसाय एवं वस्तुओ से लाभ प्राप्त होता हैं।

इस प्रकार ग्रहो के शुभ प्राभाव से निश्चिंत लाभ प्राप्त हो्ता हैं इस में जरा भी संदेह नहीं हैं, पूर्ण आस्था एवं विश्वास से किया गया व्रत अधिक प्रभाव शाली होते हैं।
• व्रत के दिन सुबह या रात्री एक समय सात्विक भोजन करें।
• कुछ व्रत में फलाहार कर सकते हैं एवं दूध-चाय-कोफी पीसकते हैं।
• ब्रह्मचर्य का पालन करें।
• नशे से परहेज करें।

मंगलवार, जनवरी 18, 2011

दिन-रात में जन्म और ज्योतिष

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दिन-रात से व्यक्तित्व



दिन और रात में जन्म समय का व्यक्तित्व पर प्रभाव

ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार दिन और रात में जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव और प्रकृति पर भिन्न-भिन्न होती हैं। क्योकि दिन के समय सूर्य देव अपनी किरणों के साथ धरती को अपने तेज से रौशन करते हैं एवं रात्रि के समय चन्द्रमा की शीतल चम-चमाती रोशनी अंधेरे को दूर जहाको रौशन करती हैं।

दिन में जन्म
ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म दिन के समय होता हैं, उस व्यक्ति का स्वभाव और व्यवहार धार्मिक, ईश्वर में पूर्ण आस्था और विश्वास रखने वाला होता हैं। सामाजिक कार्यों में भाग लेने वाला पुण्यात्मा होते हैं। व्यक्ति अपने जीवन में हर प्रकार के भौतिक सुख-सुविधा को प्राप्त करने की इच्छा रखता हैं, उसे प्राप्त करने के लिये हमेसां प्रयास रत रेहता हैं। मित्र वर्ग मे बहोत लोकप्रिय होते हैं, और मानसिक एवं बौधिक क्षमता उच्च कोटि की होती हैं। शारीर की बनावट आकर्षक और रंग उजवल एवं सुंदर होता हैं।

रात में जन्म
ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म रात के समय होता हैं, उस व्यक्ति का स्वभाव और व्यवहार से कम बोलेने वाले होते हैं, यानी चुप रहना पसंद करते हैं। व्यक्ति थोडे कामी होते हैं, विपरीत लिंग के प्रति अधिक झुकाव होता है। व्यक्ति चालाक और अपना मतलब निकालने में निपुण होते हैं। शारीरिक कष्ट के कारण इन्हें अनावश्यक परेशान रहना पड़ता हैं। व्यक्ति का व्यवहार कभि छुप छुपाकर कार्य मे मसगुल रेहने वाले, एवं अपने भितर की बाते सरलता से किसी को नहीं बताने वाले होते हैं।

नोट: व्यक्ति के स्वभाव पर केवल दिन-रात का प्रभाव नहीं होता हैं। व्यक्ति के स्वभाव के लिये व्यक्ति की राशि, ग्रह, नक्षत्र, इत्यादि का प्रभाव भी देखा जाना चाहिये हैं।

ग्रह शांति हेतु करें नवग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान

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ग्रह शांति हेतु करें नवग्रह एवं दान


कुंडली (जातक/ जन्म पत्री) में यदि कोई ग्रह कमजोर है या अशुभ भाव का स्वामी हो एवं अन्य भाव को देख कर अपना अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो उस ग्रह को शांत करना आवश्यक होता हैं जिस्से ग्रह अपना प्रतिकूल प्रभाव के स्थान पर अनुकूल प्रभाव प्रदान करें।

किसी भी ग्रह के प्रभाव को अनुकूल बनाने का सरल उपाय हैं उस ग्रह से संबंधिक वस्तु विशेष का जल प्रवाह या दान करना, जिस्से ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम किया जासके।

ग्रह:- सूर्य (वार:- रविवार)
सूर्य ग्रह कि शांति हेतु गेहूँ, ताँबा, घी, गुड़, माणिक्य, लाल कपड़ा, मसूरकी दाल, कनेर या कमल के फूल, गौ दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

ग्रह:- चंद्र (वार:- सोमवार)
चंद्र ग्रह कि शांति हेतु मोती, चाँदी, चावल, चीनी, जल से भरा हुवा कलश, सफेद कपड़ा, दही, शंख, सफेद फूल, साँड आदि का दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

ग्रह:- मंगल (वार:- मंगलवार)
मंगल ग्रह कि शांति हेतु मूंगा, मसूर, घी, गुड़, लाल कपड़ा, रक्त चंदन, गेहूँ, केसर, ताँबा, लाल फूल का दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

ग्रह:- बुध (वार:- बुधवार)
बुध ग्रह कि शांति हेतु हरे पन्ना, मूँग, घी, हरा कपड़ा, चाँदी, फूल, काँसे का बर्तन, कपूर का दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

ग्रह:- बृहस्पति (गुरु) (वार:- गुरुवार)
बृहस्पति ग्रह कि शांति हेतु पुखराज, चने की दाल, हल्दी, पीला कपड़ा, गुड़, केसर, पीला फूल, घी और सोने की वस्तुओं का दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

ग्रह:- शुक्र (वार:- शुक्रवार)
शुक्र ग्रह कि शांति हेतु श्वेत रत्न, चाँदी, चावल, दूध, सफेद कपड़ा, घी, सफेद फूल, धूप, अगरबत्ती, इत्र, सफेद चंदन दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

ग्रह:- शनि (वार:- शनिवार)
शनि ग्रह कि शांति हेतु निलम, काला कपड़ा, साबुत उड़द, लोहा, यथा संभव दक्षिणा, तेल, काला पुष्प, काले तिल, चमड़ा, काले कंबल का दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

ग्रह:- राहु (वार:- शनिवार)
राहु ग्रह कि शांति हेतु काला एवं गोमेद, नीला कपड़ा, कंबल, साबूत सरसों (राई), ऊनी कपड़ा, काले तिल व तेल का दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

ग्रह:- केतु (वार:- मंगलवार)
केतु कि शांति हेतु सात प्रकार के वैदूर्य, अनाज, काजल, झंडा, ऊनी कपड़ा, तिल आदि का दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

नोट:- * कृप्या दान अपनी श्रद्धा एवं क्षमता के अनुसार एक या अधिक वस्तुओं का कर सकते हैं। * दान ग्रहों के तय वार के अनुशार हि करें। * किसी गरीब या जरुरतमंद व्यक्ति को दान करना चाहिए। * अपने द्वारा दान का बखान या दिखावा करने हेतु दान करने से पुण्य कम हो जाता हैं।

रविवार, जनवरी 16, 2011

प्रदोष व्रत 18- जनवरी-2011

pradosh vrat 17- January- 2011

प्रदोष व्रत 18- जनवरी-2011

>> प्रदोष व्रत के बारे में अधिक जानकारी हेतु यहा क्लिक करे
>> http://gurutvakaryalay.blogspot.com/2010/03/blog-post_26.html

>> प्रदोष व्रत कि कथा
>> http://gurutvakaryalay.blogspot.com/2010/12/blog-post_02.html

गणेश पूजन से नवग्रह शांति

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गणेश पूजन से नवग्रह शांति


गणपति समस्त लोकोंमें सर्व प्रथम पूजेजाने वाले एकमात्र देवाता हैं। गणेश समस्त गण के गणाध्यक्षक होने के कारणा गणपति नाम से भी जाने जाते हैं। मनुष्य को जीवन में समस्त प्रकार कि रिद्धि-सिद्धि एवं सुखो कि प्राप्ति एवं अपनी सम्स्त आध्यात्मिक-भौतिक इच्छाओं कि पूर्ति हेतु गणेश जी कि पूजा-अर्चना एवं आराधना अवश्य करनी चाहिये। गणेशजी का पूजन अनादिकाल से चला आ रहा हैं, इसके अतिरिक्त ज्योतिष शास्त्रों के अनुशार ग्रह पीडा दूर करने हेतु भगवान गणेश कि पूजा-अर्चना करने से समस्त ग्रहो के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं एवं शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं। इस लिये गणेश पूजाका अत्याधिक महत्व हैं।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः।
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा।।

भगवान गणेश सूर्य तेज के समान तेजस्वी हैं। गणेशजी का पूजन-अर्चन करने से सूर्य के प्रतिकूल प्रभाव का शमन होकर व्यक्ति के तेज-मान-सम्मान में वृद्धि होती हैं, उसका यश चारों और बढता हैं। पिता के सुख में वृद्धि होकर व्यक्ति का आध्यात्मिक ज्ञान बढता हैं। भगवान गणेश चंद्र के समान शांति एवं शीतलता के प्रतिक हैं। गणेशजी का पूजन-अर्चन करने से चंद्र के प्रतिकूल प्रभाव का नाश होकर व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती हैं। चंद्र माता का कारक ग्रह हैं इस लिये गणेशजी के पूजन से मातृसुख में वृद्धि होती हैं।

भगवान गणेश मंगल के समान शिक्तिशाली एवं बलशाली हैं। गणेशजी का पूजन-अर्चन करने से मंगल के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और व्यक्ति कि बल-शक्ति में वृद्धि होती हैं। गणेशजी के पूजन से ऋण मुक्ति मिलती हैं। व्यक्ति के साहस, बल, पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती हैं जिस कारण व्यक्ति में नेतृत्व करने कि विलक्षण शक्ति का विकास होता हैं। भाई के सुख में वृद्धि होती हैं।

गणेशजी बुद्धि और विवेक के अधिपति स्वामि बुध ग्रह के अधिपति देव हैं। अत: विद्या-बुद्धि प्राप्ति के लिए गणेश जी की आराधना अत्यंत फलदायी सिद्धो होती हैं। गणेशजी के पूजन से वाकशक्ति और तर्कशक्ति में वृद्धि होती हैं। बहन के सुख में वृद्धि होती हैं। भगवान गणेश बृहस्पति(गुरु) के समान उदार, ज्ञानी एवं बुद्धि कौशल में निपूर्ण हैं। गणेशजी का पूजन-अर्चन करने से बृहस्पति(गुरु) से संबंधित पीडा दूर होती हैं और व्यक्ति कें आध्यात्मिक ज्ञान का विकास होता हैं। व्यक्ति के धन और संपत्ति में वृद्धि होती हैं। पति के सुख में वृद्धि होती हैं।

भगवान गणेश धन, ऐश्वर्य एवं संतान प्रदान करने वाले शुक्र के अधिपति हैं। गणेशजी का पूजन करने से शुक्र के अशुभ प्रभाव का शमन होता हैं। व्यक्ति को समस्त भौतिक सुख साधन में वृद्धि होकर व्यक्ति के सौन्दर्य में वृद्धि होती हैं। पति के सुख में वृद्धि होती हैं। भगवान गणेश शिव के पुत्र हैं। भगवान शिव शनि के गुरु हैं। गणेशजी का पूजन करने से शनि से संबंधित पीडा दूर होती हैं। भगवान गणेश हाथी के मुख एवं पुरुष शरीर युक्त होने से राहू व केतू के भी अधिपति देव हैं। गणेशजी का पूजन करने से राहू व केतू से संबंधित पीडा दूर होती हैं। इसलिये नवग्रह कि शांति मात्र भगवान गणेश के स्मरण से ही हो जाती हैं। इसमें कोई संदेह नहीं हैं। भगवान गणेश में पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास कि आवश्यक्ता हैं। भगवान गणेश का पूजन अर्चन करने से मनुष्य का जीवन समस्त सुखो से भर जाता है।

जन्म कुंडली में चाहें होई भी ग्रह अस्त हो या नीच हो अथवा पीडित हो तो भगवान गणेश कि आराधना से सभी ग्रहो के अशुभ प्रभाव दूर होता हैं एवं शुभ फलो कि प्राप्ति होती हैं।

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बुधवार, जनवरी 12, 2011

14 जनवरी, मकर संक्रांति पर्व

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14 जनवरी, मकर सन्क्रान्ति पर्व


मकर संक्रान्ति और दान का महत्व:
मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व हैं। विद्वानो के मत से मकर संक्रांति के दिन धार्मिक साहित्य-पुस्तक इत्यादी धर्म स्थलों में दान किये जाते हैं।

मकर संक्रांति के दिन तिल का दान
संक्रांति के दिन दान करने से प्राप्त होने वाले पुण्य का फल अन्य दिनों की तुलना में बढ जाता हैं। इस लिये मकर संक्रांति के दिन यथासंभव किसी गरीब को अन्नदान, तिल एवं गुड का दान करना शुभदायक माना गया हैं। तिल या तिल से बने लड्डू या फिर तिल के अन्य खाद्ध पदार्थ भी दान में दिये जा सकते हैं।

मकर संक्रान्ति पर स्नान
मकर संक्रांन्ति का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व माना जाता हैं। मान्यता हैं कि इस दिन सूर्य के उत्तरायाण में प्रवेश करने से देवलोक में रात्रि समाप्त होती हैं और दिन की शुरूआत होती है। देवलोक का द्वारा जो सूर्य के दक्षिणायण होने से 6 महीने तक बंद होता हैं मंकर संक्रान्ति के दिन खुल जाता हैं। इस दिन दान इत्यादी पुण्य कर्म किये जाते हैं उनका शुभ फल प्राप्त होता है। मकर संक्रान्ति में स्नान एवं दान का भी विशेष महात्मय शास्त्रों में बताया गया है।

भारतीय धर्म ग्रंथों में स्नान का अर्थ शुद्धता एवं सात्विकता है। अत: स्नान को किसी भी शुभ कर्म करने से पहले किया जाता है। मकर राशि में सूर्य के प्रवेश से सूर्य का सत्व एवं रज गुण बढ़ जाता है जो सूर्य की तेज किरणों से हमारे शरीर में प्रवेश करता है। यह अलौकिक किरणें हमारे शरीर को ओज, बल और स्वास्थ्य प्रदान करे, अत: इन किरणों को ग्रहण करने हेतु तन-मन की शुद्धि के लिए पुण्यकाल में स्नान करने का विधान बताया गया है।

भारतीय धर्म शास्त्रो के अनुसार प्रात: सूर्योदय से कुछ घंटे पहले का समय पुण्य काल माना जाता है। पुण्य काल में स्नान करना अत्यंत पुण्य फलदायी माना गया है। धर्मशास्त्रों के मुताबिक शुभ संयोगो पर जल में देवताओं एवं तीर्थों का वास होता है। इस लिये इन अवसरों में नदी अथवा सरोवर में स्नान करना शुभफलदायक होता हैं। मकर संक्रांन्ति पर सूर्योदय से पूर्व स्नान दुग्ध स्नान के समान फल देता है अत: इन अवसरों पर पूर्ण शुद्धि हेतु पुण्य काल में स्नान करने की परम्परा युगो से चली आ रही है।

वर्ष 2011 में आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव

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आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव वर्ष 2011 में


2011 में शनि 14 नवम्बर तक कन्या राशि में स्थित होने के कारण शनि साढ़ेसाती का प्रभाव सिंह राशि, कन्या राशि और तुला राशि पर अधिक रहेगा। 14 नवम्बर के बाद शनि के राशि परिवर्तन के कारण कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करेगा। जिसके फल स्वरुप शनि कि साढ़ेसाती सिंह राशि से उतरेगी और वृश्चिक राशि पर शनि कि साढ़ेसाती आरंभ होगी।

• मेष , वृश्चिक और मिथुन राशि वालो को शनि कि ढैया स्वर्ण पाद अर्थात सोने के पाये कि होगी।
• मीन , धनु और सिंह राशि वालो को शनि कि ढैया चांदी के पाये कि रहेगी।
• कुंभ , तुला और कर्क राशि वालो को तांबे के पाये से ढैया रहेगी।
• मकर , कन्या और वृष राशि को शनि लौह पाद अर्थात लोहे के पाये से रहेगी।

ज्योतिष में शनि के विभिन्न पाये अर्थात चरणों का प्रभाव धातुओं के हिसाब से आंका जाता हैं।

जातक पर साढे़साती का असर जन्म कुण्डली में स्थित शनि के प्रभाव के अनुरूप होता है।
* तांबे और चांदी के पाये का असर थोडा शुभ एवं उन्नतिकारक होता हैं। * सोने के पाये का असर मानसिक परेशाने, तनाव, अपव्यय, व्यापार और नौकरी में नुक्शानदायक होता हैं। * सबसे खराब असर लोहे के पाये का होता हैं। जिसमे व्यक्ति अनेक परेशानीओं में फसा रहता हैं।

राशियों शनि कि साढ़ेसाती का प्रभाव

मेष राशि: नौकरी व्यवसाय में लाभ के स्थान पर हानि कि संभावना अधिक हो सकती हैं। स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। पारिवारिक जीवन में अशांति और कलह का वातावरण रह सकता हैं। संतान पक्ष के लिये समय उपयुक्त हो सकता हैं। यह समस्याएं 15 नवम्बर तक रह सकती हैं उसके पश्चयात हालत में सुधार आयेंगे।

वृष राशि: नौकरी व्यवसाय में पूर्ण परिश्रम से किये गये कार्यो में लाभ प्राप्त होगें। प्रतियोगीता-परीक्षा के कार्यो में सफलता प्राप्त हो सकती हैं। पारिवारिक और दांपत्य जीवन में सुख शांति में कमी रहेगी। कोर्ट-कचेरी के फेसले आपके पक्ष में हो सकते हैं। आपके विरोधि एवं शत्रु पक्ष पर आपका प्रभाव रहेगा। 15 नवम्बर के बाद प्रतिकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

मिथुन राशि: नौकरी व्यवसाय में अनावश्यक रुकावटो के कारण मान अशांत हो सकता हैं। पारिवारिक सुख में कमी, माता-पिता को परेशानी हो सकती हैं। आपको आग और बिजली से नुक्शान होने का भय हो सकता हैं। आकस्मिक समस्याओं के कारण आर्थिक हानी संभव हैं। 15 नवम्बर के बाद स्थिती आपके अनुकूल रहेगी। समस्त समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।

कर्क राशि: नौकरी व्यवसाय में हानी, शारीरिक कष्टो के कारण स्वास्थ्य कमजोर हो सकता हैं। विरोधि एवं शत्रु से विरोध, मानहानि, कष्ट हो सकते हैं। कानूनी कार्यो में असफलता या विलंब हो सकता हैं। इष्ट जनो का विरोध आपकी मानसिक चिंताएं बढा सकता हैं। वैवाहिक जीवन में तनाव। 15 नवम्बर के बाद परिस्थिती में सुधार होगा।

सिंह राशि: नौकरी व्यवसाय में हानी, भूमि-भवन से संबंधित कार्यो में रुकावट हो सकती हैं। आर्थिक समस्याएं, शारीरिक कष्ट, दुर्घटना, बहुमूल्य वस्तुओं का चोरी या गुम हो सकती हैं, अथवा आग, बीजली इत्यादी के कारण नुक्शान हो सकता हैं। 15 नवम्बर के बाद आकस्मिक धनलाभ होगा एवं समस्त कष्टो से मुक्ति मिलेगी।

कन्या राशि: महत्वपूर्ण योजनाओं में विलंब अथवा असफलता मानसिक कष्ट दे सकती है। विरोधि एवं शत्रु से आर्थिक हानी, कष्ट, मानहानि हो सकती है। नौकरी व्यवसाय में नुकशान हो सकता हैं। पारिवारीक जीवन में अनावश्यक परेशानी के कारण कलह हो सकता हैं। 15 नवम्बर के बाद परिस्थिती में बदलाव होगा।

तुला राशि: नौकरी व्यापार में उचित ढंग से किये गये कार्यो में आर्थिक धन लाभ प्राप्त होगें। नौकरी में हैं तो पदौन्नती होगी व्यापार में हैं तो भाग्योदय होगा। सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा। लेकिन 15 नवम्बर के बाद अनावश्यक रुकावटे, स्वास्थ्य समस्या जेसी अनेको समस्या से सम्मुखीन हो सकते हैं।

वृश्चिक राशि: विभिन्न समस्याओं से सम्मुखीन हो सकते हैं। नौकरी व्यवसाय में लाभ के स्थान पर हानी हो सकती हैं। परिवार के लोगो का स्वास्थ्य चिंता का विषय हो सकता हैं। अनावश्यक खर्च एवं ऋण के कारण आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। 15 नवम्बर के बाद स्थिती में नये बदलाव आयेगे। भूमि-भवन से संबंधिक क्रय-विक्रय से लाभ प्राप्त होगा।

धनु राशि: नोकरी-व्यवसाय में हानी हो सकती हैं। पारिवरीक जीवन में असंतोष हो सकता हैं। सरकार से संबंधित कार्य कष्ट दे सकते हैं। मानसिक अशांति का अनुभव हो सकता हैं। स्वास्थ्य संबंधित सावधानीया आवश्यक हो सकती हैं। 15 नवम्बर के बाद अनुकूल फलो की प्राप्ति होगी। इच्छीत कार्यो में सफलता प्राप्त होगी।

मकर राशि: नौकरी व्यवसाय से जुडे कार्यो में सफलता प्राप्त होगी। लम्बे समय से चले आरहे कोर्ट कचेरी के कार्यो में सफलता प्राप्त होगी। यदि आप नौकरी में हैं तो स्थानांतरण हो सकता हैं। व्यापार में हैं तो स्थान परिवर्तन कर सकते हैं। 15 नवम्बर के बाद अशुभ फलो कि प्राप्ति होगी। आर्थिक स्थिती कमजोर होगी और विभिन्न समस्याएं परेशान करेगी।

कुंभ राशि: नोकरी व्यवसाय में सफलता से धनलाभ प्राप्त होंगे। उच्चाधिकारी से सहयोग प्राप्त होगा। नया व्यवसाय या नौकरी प्राप्त हो सकती हैं। पारिवारीक जीवन में खुशीयों का माहोल रहेगा। संतान पक्ष कि और से प्रसन्नता बढेगी। 15 नवम्बर के बाद अनावश्य समस्याएं एवं हानी हो सकती हैं। एक से अधिक समस्याओं से ग्रस्त रहेंगे।

मीन राशि: आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं। नौकरी-व्यवसाय के कार्यो में रुकावटे। पारिवारिक जीवन में असंतुष्टी रह सकती हैं। भूमि-भवन इत्यासी में पूंजी निवेश घाटे का सौदा हो सकता हैं। 15 नवम्बर के बाद परिस्थितियों में सुधार होगा। अनुकूल फलो कि प्राप्ति होगी। कार्यो में इच्छीत सफलताएं प्राप्त होगी।

शास्त्रोक्त मत से शनि का प्रभाव
शनि अपना प्रभाव 3 चरणों में प्राप्त होता हैं , शनि का प्रभाव साढ़े सात हफ्ते से साढ़े सात वर्ष तक होता है।

पहले चरण: जब शनि का प्रभाव पहले चरण में होता हैं तो व्यक्ति को मानसिक कष्टो का सामना करना पडता हैं। व्यक्ति अनावश्यक कार्यो में अपना समय नष्ट करता हैं भटकता रहता हैं। पहले चरण में शनि का प्रभाव लगभग ढाई वर्ष तक का होता है।

दूसरे चरण: जब शनि का प्रभाव दूसरे चरण में होता हैं तो व्यक्ति को मानसिक के अलावा शारीरिक कष्ट भी होते हैं। पूर्ण परिश्रम से किये गये कार्यो में भी असफलता प्राप्त होती हैं। आर्थिक समस्याएं अधिक होती हैं। अपनो से वैमनस्य हो जाता हैं।

तीसरे चरण: शनि का प्रभाव तीसरे चरण में होता हैं तो व्यक्ति का स्वभाव चिडचिडा हो जाता हैं। बात-बात में क्रोध करता हैं। विरोधि एवं शत्रुओं से अधिक कष्ट होते हैं। अपनो से विरोध होता है। बनी-बनाई सामाजिक प्रतिष्ठा का खंडन हो जाता हैं।

*** व्यक्ति के कर्मो के आधार पर फलो कि प्राप्ती में शुभ-अशुभता तय होती हैं। ***

मंगलवार, जनवरी 11, 2011

मीन वार्षिक राशि फल 2011

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मीन राशि वार्षिक भविष्य फल 2011


मीन राशि 2011 में आपके नौकरी व्यवसाय में लाभप्रद परिवर्तन हेतु अनुकूल अनेको आवसरो को प्रदान करने वाला रहेगा। आप इस अवसरो का लाभ उठाए और अपने भाग्य को सुधारने का प्रयास करें। आपकी रुचि एक से अधिक कार्यो में हो सकती हैं। उच्चाधिकारी एवं वरिष्ठ लोगो के सयोग से आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता हैं।

इस वर्ष आपको नई नौकरी या नया व्यवसाय शुरु कर सकते हैं अथवा अपने व्यवसाय का विस्तार करने हेतु उत्तम साबित होग। भूमि-भवन से संबंधित निर्णय लाभप्रद हो सकते हैं।

आपको दूरस्थ स्थानो कि व्यवसायीक यात्रा करनी पड सकती हैं जो आपके लिये लाभप्रद हो सकती हैं। इस वर्ष आपकी सफलता आपके प्रयासों एवं परिश्रम पर निर्भर करती हैं। इस दौरान आप अपने शत्रु एवं मित्रो को आसानी से पहचान कर सकते हैं।

जीवन साथी से आपको प्रसन्ना मिलेगी। प्रेम से संबंधित मामलो में आपको सफलता और खुशीयां प्राप्त होगी। यदि आप अविवाहित हैं तो आपका विवाह हो सकता हैं। भौतिक सुख साधनो में वृद्धि होगी।

पूराने विवादो को दूर करने का प्रयास करें। मित्रों एवं परिवार के लोगो के सहयोग से किसी शुभ कार्य का सम्पादन हो सकता हैं। इस वर्ष आपकी मानसिक और बौद्धिक क्षमता में बृद्धि होगी।

आपको अपने उद्देश्यो एवं योजनाओं को सफल करने कि नई दिशाएं मिल सकती हैं। लोग आपके सामाजिक व्यक्तित्व की सराहना करेंगे जिस्से आपके पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। वाणी एवं क्रोध पर नियंत्रण रखे अन्यथा आपके बने बनाये कार्य बिगड सकते हैं।

मित्र एवं परिवार वर्ग के लोगो के बिच में धन से संबंधित लेन-देन एवं महत्वपूर्ण निर्णय करना कष्टकारी हो सकता हैं। वर्ष के प्रारंभिक महिनो में अपनो से विरोध एवं वैमनस्य हो सकता हैं। सरकार से संबंधित कार्यो में सहायता प्राप्त हो सकती हैं। आपकी मानसिक अस्थितार महत्वपूर्ण निर्णय लेने में विलंब कर सकती हैं। नये लोगो से मेल-मिलाप बढ सकता हैं। अनावश्यक खर्च एवं निर्णय में लापरवाहि के कारण आर्थिक कष्ट अनुभव करेंगे। स्वास्थय प्रभावित हो सकता हैं। दूरस्थ स्थानो की व्यवसायीक यात्राएं लाभप्रद हो सकती हैं।

मीन मासिक राशि फल:

1 से 15 जनवरी 2011
इस अवधि में आपको प्रतिनुकूल फल प्राप्त हो सकते है। इस समय महत्वपूर्ण निर्णय लेना और नयी परियोजाना शुरू करना कष्टदायक हो सकता हैं। परिश्रम एवं मेहनत से आपको आर्थिक लाभ प्राप्त होता रहेगा। आपकी पदोन्नति की संभावना बन रही है। मित्रों और रिस्तेदारों के साथ शांति और प्रसन्न्ता महसूस होगी।

16 से 31 जनवरी 2011
लम्बे समय से रुके हुवे कार्य से आकस्मिक धन लाभ प्राप्त होगा। भूमि- भवन-वाहन के क्रय-विक्रय से लाभ प्राप्त हो सकता हैं। उचाधिकार आपके महत्व को समझेंगे और आपके गुणों की प्रशंसा करेंगे। बिना किसी बाधा के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। आपके अन्तर्ज्ञान ज्ञान का विकास हो सकता हैं जिस्से लक्ष्य प्राप्ति मे लाभ प्राप्त होगा।

1 से 14 फ़रवरी 2011
आपके भौतिक सुख साधनो में वृद्धि होगी। आपको वरिष्ठ व्यक्तिओं के ……………..>>

15 से 28 फ़रवरी 2011
बौद्धिक क्षमता का पूर्ण उपयोग कर उच्चाधिकारी के सहयोग से सफलता ……………..>>

1 से 15 मार्च 2011
समय थोडा प्रतिकूल हैं अतः नये कार्यो एवं योजनाओं को स्थगित करना लाभ प्रद रहेगा। क्रय-……………..>>

16 से 31 मार्च 2011
प्रतिकूल परिस्थितियों में अपनी शक्ति और बाहुबल का प्रयोग करने से बचे। आप मानसिक ……………..>>


1 से 15 अप्रैल 2011
अनुकूल आवसरो का लाभ उठाए और अपने भाग्य को सुधारने का प्रयास करें। नये उद्योग, महत्वपूर्ण ……………..>>

16 से 30 अप्रैल 2011
यह समय आपकी समृद्धि को दर्शाता हैं। अपनी वर्तमान स्थिति का ……………..>>

1 से 15 मई 2011
इस दौरान आपको अपनी योजनाओं में अनुकूल फल की प्राप्ति होगी। नयी परियोजना ……………..>>

16 से 31 मई 2011
इस अवधि में भूमि- भवन-वाहन के क्रय-विक्रय से मध्यम लाभ प्राप्त हो सकता हैं। आपकी ……………..>>

1 से 15 जून 2011
आपके कार्य क्षेत्र कि कठिनाइयां कम होगी एवं आपको समय के साथ सुख-सुविधाएं ……………..>>

16 से 30 जून 2011
इस दौरान आपके भीतर अधिक आत्मविश्वासी और साहसी हो सकते हैं। आपको महत्वाकांक्षी ……………..>>

1 से 15 जुलाई 2011
नौकरी-व्यवसाय में संबंधो का सूक्ष्म अवलोकन करना लाभ प्रद रहेगा। शत्रु ……………..>>

16 से 31 जुलाई 2011
इस दौरान सावधानी से नयी परियोजना और ऋण संबंधी सौदे की शुरूआत ……………..>>

1 से 15 अगस्त 2011
इस दौरान नौकरी व्यवसाय में कार्यो में परिवर्तन हो सकता हैं। आपको सरकार एवं प्रसासन ……………..>>

16 से 31 अगस्त 2011
इस दौरान नयी परियोजना और ऋण संबंधी सौदे की शुरूआत करना ……………..>>

1 से 15 सितम्बर 2011
महत्वपूर्ण निणर्य लेने के लिए एवं महत्वपूर्ण योजनाओं को अमल में लाने हेतु उत्तम ……………..>>

16 से 30 सितम्बर 2011
नौकरी-व्यवसाय में संबंधो का सूक्ष्म अवलोकन करना लाभ प्रद रहेगा। ऋण संबन्धित लेन-देन ……………..>>

1 से 15 अक्टूबर 2011
नई परियोजना से संबंधि निर्णय लेना लाभप्रद हो सकता हैं। शत्रु एवं विरोधि पक्ष से ……………..>>

16 से 31 अक्टूबर 2011
व्यापारिक साझेदार और मित्रो से लेन-देन में सावधानी बर्ते धन हानी ……………..>>

1 से 15 नवम्बर 2011
इस अवधि में आपको उत्तम और अनुकूल फल प्राप्त हो सकते है। भूमि- भवन-वाहन ……………..>>

16 से 30 नवम्बर 2011
आप के लिए आर्थिक द्रष्टी से लाभदायक रहेगा। इस समय आप महत्वपूर्ण ……………..>>

1 से 15 दिसम्बर 2011
इस दौरान पूंजि निवेश एवं धन से संबंधित लेन-देन ……………..>>

16 से 31 दिसम्बर 2011
इस अवधि में कि गई प्रार्थना और पूजा से भविष्य में लाभ मिलेगा। इस अवधि ……………..>>


संपूर्ण लेख पढने के लिये कृप्या गुरुत्व ज्योतिष ई-पत्रिका जनवरी-2010 का अंक पढें।
इस लेख को प्रतिलिपि संरक्षण (Copy Protection) के कारणो से यहां संक्षिप्त में प्रकाशित किया गया हैं।

कुंभ वार्षिक राशि फल 2011

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कुंभ राशि वार्षिक भविष्य फल 2011


कुंभ राशि:
2011 के दौरान आपको अपनी मेहनत एवं परिश्रम से बेहतरीन परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। आय के स्त्रोत का विस्तार होगा। लोग आपके व्यक्तित्व की सराहना करेंगे जिस्से आपके पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आपके संग्रहित धन को भूमि-भवन इत्यादी में पूंजि निवेश से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते है और नयी परियोजाना शुरू कर सकते हैं।

कुछ समय अवधिके दौरान आपकी महत्वपूर्ण योजनाएं स्थगित होने से आपके स्वभाव में चिड़चिड़ा पन आसकता हैं। आपके मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा में वृद्धि होने पर शत्रु पक्ष से सावधान रहें आप पर झूठे आरोप लग सकते हैं जिस कारण आपका पद एवं प्रतिष्ठा खंडित हो सकती हैं। किसी से कलह एवं तकरार में न उलझें।

आपकी मानसिक स्थिती अत्याधिक संवेदनशील रह सकती हैं उस पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें, अन्यथा लोग आपका अनौचित फायदा उठासकते हैं। एक से अत्याधिक क्षेत्रो से लाभ प्राप्ति हेतु अनैतिक कार्य करने से बचें बुरे लोगो कि संगत से दूर रहें। व्यवसायीक यात्राओं को स्थगित करना उचित रहेगा।

असफलता के कारण दुषित विचारो को किनारा कर उचित समय का लाभ उठाते हुवे आगे बढने का प्रयास करें। मित्र एवं इष्ट वर्ग में अपनी धाक जमाने के लिये आप कर्ज ले सकते हैं, एसा करने से बचे अन्यथा आप ऋण ग्रस्त हो सकते हैं। दांम्पत्य जीवन के सुख में कमी रह सकती हैं। अनावश्यक किसी से वाद विवाद करने से बचे।

आपकी आर्थिक स्थिती कमजोर हो सकती हैं। आय में उतार-चढ़ाव के कारण मानसिक तनाव से ग्रस्त हो सकते हैं। आपको पर्याप्त धन की प्राप्ति होने के बावजूद अनावश्यक खर्च के कारण परेशानी हो सकती हैं। आपके भौतिक सुख साधनो में वृद्धि होगी। नया भवन-वाहन प्राप्त करने की इच्छा पूर्ण हो सकती हैं। निर्णयो में लापरवाही के कारण आर्थिक नुकसान होने के योग भी बन रहे हैं।

कुंभ मासिक राशि फल:

1 से 15 जनवरी 2011
इस दौरान सतर्कता से नयी परियोजना और धन संबंधी सौदे की शुरूआत करना लाभप्रद हो सकता हैं। इस दौरान आपको अनुकूल परिणामो कि प्राप्ति होगी। सामाजिक मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। मानसिक प्रन्नता बढेगी। जीवन साथी और बच्चो के साथ खुशी-खुशी समय बिताने का प्रयास करे। इस अवधि में संतुलित और स्वस्थ भोजन ग्रहण करें।

16 से 31 जनवरी 2011
इस अवधि में आपको अपने उद्देश्यो एवं योजनाओं को सफल करने कि दिशा मिल सकती हैं। आय के एक से अधिक स्त्रोत बन सकते हैं। नौकरी-व्यवसाय में संबंधो का सूक्ष्म अवलोकन करना लाभ प्रद रहेगा। सफलता आपके कदम चूमेगी। करें। परिवार के लोगो से प्रेम और स्नेह कि प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य सुख में वृद्धि होगी फिर भी खाने- पीने का विशेष ध्यान रखना हितकारी रहेगा।

1 से 14 फ़रवरी 2011
परिश्रम एवं मेहनत से अधिक धन लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस अवधि में कि ……………..>>

15 से 28 फ़रवरी 2011
नई परियोजनाओं को शुरू करने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने हेतु समय फायदेमंद ……………..>>

1 से 15 मार्च 2011
इस अवधि में आपको प्रतिकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। व्यवसायीक कार्यो ……………..>>

16 से 31 मार्च 2011
व्यापारिक साझेदारी के कार्यो में सावधानी बर्ते। रुकावट के पश्चयात आर्थिक ……………..>>

1 से 15 अप्रैल 2011
व्यवसायिक रुकावटो में कमी आयेगी। इस अवधि के शुरु में व्यवसायिक ……………..>>


16 से 30 अप्रैल 2011
नयी परियोजना प्रारंभ करने के लिए समय शुभदायक हो सकता है। महत्व पूर्ण ……………..>>

1 से 15 मई 2011
इस दौरान नौकरी व्यवसाय में बदलाव हो सकता हैं या स्थानांतरण ……………..>>

16 से 31 मई 2011
आप के लिए आर्थिक द्रष्टी से लाभदायक रहेगा। मानसिक चिन्ताओं में कमी ……………..>>

1 से 15 जून 2011
आप के लिए आर्थिक द्रष्टी से लाभदायक रहेगा। इस समय आप महत्वपूर्ण ……………..>>

16 से 30 जून 2011
इस अवधि में आय के नये स्त्रोत प्राप्त होने के योग बन रहे हैं। अनाचश्यक……………..>>

1 से 15 जुलाई 2011
यह माह महत्वपूर्ण फैसला लेने के लिए और नयी परियोजना प्रारंभ करने के लिए शुभदायक ……………..>>

16 से 31 जुलाई 2011
नया व्यापार, नौकरी शुरु करने के लिए, महत्वपूर्ण क्रय विक्रेय या नया ……………..>>

1 से 15 अगस्त 2011
इस दौरान नयी परियोजना और ऋण संबंधी सौदे की शुरूआत करना नुक्शान दे सकता हैं। अनावश्यक……………..>>

16 से 31 अगस्त 2011
पूर्व से चल रहे कार्यो में सामान्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। नौकरी-व्यवसाय में संबंधो ……………..>>

1 से 15 सितम्बर 2011
नये कार्यो एवं योजनाओं लाभ प्राप्त होता रहेगा। आपके भौतिक सुख साधनो में ……………..>>

16 से 30 सितम्बर 2011
इस दौरान क्रय-विक्रय संबंधित मामलो स्थगित करना उचित ……………..>>

1 से 15 अक्टूबर 2011
पूर्व के अच्छे और बुरे कर्म का अवलोकन कर उसमे सुधार करने का प्रयास करें। सामाजिक प्रतिष्ठा ……………..>>

16 से 31 अक्टूबर 2011
इस दौरान आपको अधिकांशतः लाभदायक और सकारात्मक परिणाम ……………..>>

1 से 15 नवम्बर 2011
नया व्यवसाय या नौकरी प्राप्त हो सकती हैं या आपके कार्य क्षेत्र में नये ……………..>>

16 से 30 नवम्बर 2011
इस दौरान आपको अनुकूल परिणामो कि प्राप्ति होगी। आपका मन अत्याधिक ……………..>>

1 से 15 दिसम्बर 2011
इस दौरान आपको अनुकूल अथवा प्रतिकूल या दोनों का मिश्रित फल ……………..>>

16 से 31 दिसम्बर 2011
इस दौरान आपके निर्णयो के अनुरुप आपका आने वाला भविष्य पूर्ण रुप से ……………..>>

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इस लेख को प्रतिलिपि संरक्षण (Copy Protection) के कारणो से यहां संक्षिप्त में प्रकाशित किया गया हैं।

मकर वार्षिक राशि फल 2011

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मकर राशि वार्षिक भविष्य फल 2011


मकर राशि:
2011 के दौरान आपको अपने कार्यो के अनुरुप नई उपलब्धियां प्राप्त हो सकती हैं। आपकी पदोन्नति की संभावना बन रही है। मित्र एवं परिवार के लोगों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। प्रेम संबन्धो में सफलता प्राप्त होगी। आपको अनावश्यक तनाव हो सकता हैं। स्वास्थ्य संबंधित परेशानीओं के कारण आर्थिक उन्नती में बाधा उत्पन्न हो सकती हैं।

कार्य कि व्यस्तता के कारण विश्राम का अभाव रहेगा। स्थान परिवर्तन कि योजना हानिकारक हो सकती हैं। पारिवारीकी एवं मित्रो से रिश्तो में सूझ-बूझ से वाणी का प्रयोग करे अन्यथा आपके बने बनाये रिश्ते बिगड सकते हैं। अपनी बुद्धिमता से परिवार की सुख -शान्ति बनाये रखने का प्रयास करें।

नौकरी-व्यवसाय में संबंधो का सूक्ष्म अवलोकन करना लाभ प्रद रहेगा। आत्मविश्वास के बल पर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। परिवार और मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। सफलता की प्राप्ति से आपका आत्मविश्वास बढेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। कोर्ट-कचहरी के कार्यो में विलंब से सफलता प्राप्त हो सकती हैं। हताशा और निराशा वाले विचारो को त्यागदे। भूख से अधिक भोजन आपकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। फिर भी प्रकृति में बदलाव से आपका स्वास्थ्य नरम रह सकता है।

वाणी एवं क्रोध पर नियंत्रण रखे अन्यथा आपके बने बनाये कार्य बिगड सकते हैं। आपकी मानसिक अस्थितार महत्वपूर्ण निर्णय लेने में विलंब कर सकती हैं। इस समय आप महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते है और नयी परियोजाना शुरू कर सकते हैं। महत्वपूर्ण कार्यो में लोंगों की निगाहें आपके उपर टिकी रहेगी। मित्र एवं संबंधिओं से बहुमूल्य वस्तु उपहार में प्राप्त कर सकते हैं। व्यवसायीक यात्राएं लाभप्रद हो सकती हैं।

मकर मासिक राशि फल:

1 से 15 जनवरी 2011
इस अवधि में आपको उत्तम और अनुकूल फल प्राप्त हो सकते है। आप के लिए आर्थिक द्रष्टी से लाभदायक रहेगा। इस समय आपको परिश्रम से किये गये हर शुभ कार्य में सफलता प्राप्त हो सकती हैं। आपकी पदोन्नति की संभावना बन रही है। मित्र एवं परिवार के लोगों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। प्रेम संबन्धो में सफलता प्राप्त होगी।

16 से 31 जनवरी 2011
इस दौरान आपका आत्मविश्वास और उत्साह बढेगा हैं। दूरस्थ स्थानो से धन प्राप्ति के योग बन सकते हैं। उच्चाधिकार आपके महत्व को समझेंगे और आपके गुणों की प्रशंसा करेंगे। अधिक विध्न-बाधा के बिना अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। संग्रहित धन को कहीं पूंजि निवेश करना अथवा धन से संबंधित लेन-देन करना इस समय अधिक लाभदायक रहेगा।

1 से 14 फ़रवरी 2011
एक से अधिक कार्यो में आपकी रुचि हो सकती हैं। लोग आपके व्यक्तित्व ……………..>>

15 से 28 फ़रवरी 2011
इस अवधि में कि गई प्रार्थना और पूजा से भविष्य में लाभ मिलेगा। अनाचश्यक ……………..>>

1 से 15 मार्च 2011
भूमि- भवन-वाहन से संबंधित क्रय-विक्रय के ……………..>>

16 से 31 मार्च 2011
नौकरी-व्यवसाय में संबंधो का सूक्ष्म अवलोकन करना लाभ प्रद रहेगा। इस अवधि ……………..>>

1 से 15 अप्रैल 2011
इस दौरान आपको अनुकूल अथवा प्रतिकूल या दोनों का मिश्रित ……………..>>

16 से 30 अप्रैल 2011
इस दौरान नयी परियोजना और ऋण संबंधी सौदे की शुरूआत करना लाभप्रद हो सकता हैं। आपके ……………..>>

1 से 15 मई 2011
इस दौरान आपको अनुकूल परिणामो कि प्राप्ति होगी। आपका मन अत्याधिक ……………..>>

16 से 31 मई 2011
आपके प्रयासो से अपनी अधिकतर समस्याओं को दूर करने सफल हो सकते हैं। भूमि-भवन ……………..>>

1 से 15 जून 2011
इस अवधि में आपको उत्तम और अनुकूल फल प्राप्त हो सकते है। उचाधिकार आपके महत्व ……………..>>

16 से 30 जून 2011
आप के लिए आर्थिक द्रष्टी से लाभदायक रहेगा। इस समय आप महत्वपूर्ण निर्णय ……………..>>

1 से 15 जुलाई 2011
इस दौरान आपको नौकरी व्यवसाय में कठिनाईय हो सकती ……………..>>

16 से 31 जुलाई 2011
इस अवधि में फायदे-नुक्शान पूरी तरह आपके प्रयाशो पर निर्भर करेगें। क्रय-विक्रय ……………..>>

1 से 15 अगस्त 2011
नौकरी-व्यवसाय में संबंधो का सूक्ष्म अवलोकन करना लाभ प्रद रहेगा। इस दौरान ……………..>>

16 से 31 अगस्त 2011
महत्वपूर्ण क्रय-विक्रय के कार्यो को स्थगित करना उचित होगा। आपकी आर्थिक स्थिती ……………..>>

1 से 15 सितम्बर 2011
इस अवधि में आय के नये स्त्रोत प्राप्त होने के योग बन रहे हैं। इस दौरान ……………..>>

16 से 30 सितम्बर 2011
नई परियोजनाओं को शुरू करने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने हेतु समय फायदेमंद साबित ……………..>>

1 से 15 अक्टूबर 2011
इस अवधि में सावधानी से किये गये कार्यो में आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे ……………..>>

16 से 31 अक्टूबर 2011
आपके महत्वपूर्ण कार्य एवं योजनाएं पूर्ण होने से धन लाभ कि प्रबल संभावना हैं। स्वास्थ्य ……………..>>

1 से 15 नवम्बर 2011
नौकरी-व्यवसाय में पदौनति के सवसर प्राप्त हों सकते हैं। आपको ……………..>>

16 से 30 नवम्बर 2011
आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। परिवार एवं मित्र वर्ग के साथ में ……………..>>

1 से 15 दिसम्बर 2011
इस दौरान किसी नये कार्य एवं योजनाओं को शुरू कर शुभ एवं ……………..>>

16 से 31 दिसम्बर 2011
व्यवसायीक कार्यो के लिये आपको कर्ज लेना पड सकता हैं जो……………..>>


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धनु वार्षिक राशि फल 2011

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धनु राशि वार्षिक भविष्य फल 2011


धनु राशि:
2011 के दौरान आपको अपने कुछ कार्यो को नियंत्रित करना पड सकता हैं। वर्ष भर किये गये कार्यो का फल अंत में पूर्ण परिश्रम एवं कड़ी मेहनत से प्राप्त हो सकता हैं।

आपके उच्चाधिकारी के सहयोग से पदौन्नति में उन्नति हो सकती हैं। दुरस्थ स्थानों से धन लाभ प्राप्त हो सकता है। कार्य में आनेवाली रुकावटो में भी कमी होगी। आयकी अपक्षा व्यय अधिक हो सकता हैं। सावधान रहें। अपनी बौधिक क्षमता से आप स्थिती पर नियंत्रण रख सकते हैं। भौतिक सुख साधनो में वृद्धि होगी। उचे स्थानो से गिरने से चोट लग सकती एवं वाहन से सावधानी बर्ते आकस्मिक दूर्घटना होने के योग बन रहे हैं।

नये लोगो से मित्रता हो सकती हैं। विरोधि एवं शत्रु पक्ष आपकी सफलता पर विवाद खडे कर सकते हैं सचेत रहने का प्रयास करें। जीवन साथी से मतभेद होने से परेशानियां हो सकती हैं।

इस वर्ष जहा तक संभव हो कर्ज लेने से बचे एवं पुराने कर्ज का भुगतान करने का प्रयास करे। आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा एवं मान-सम्मान में वृद्धि होगी।आपने प्रयासो से अपनी अधिकतर समस्याओं को दूर करने सफल हो सकते हैं। आपका मन अत्याधिक संवेदनशील रह सकता हैं। आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। अपने खान-पान का ध्यान रखे। किसी व्यक्ति से वाद-विवाद में उलझने से परहेज करें। इस अवधि के दौरान अनावश्यक कर्ज और पूंजि निवेश करने से बचे। शत्रु पक्ष से वाद-विवाद करने से बचे अन्यथा कोर्ट-कचहरी के कार्यो में फसल सकते हैं।

मई 2011 के प्रथम सप्ताह के बाद आपकी मानसिक चिंताएं दूर होगी आपका मन शांत एवं प्रसन्न रहेगा। क्रय-विक्रय और कर्ज संम्बन्धी लेन देन भी कर सकते हैं। मित्र एवं रिश्ते दारों अधिक से अधिक समय व्यतीत करने कि इच्छा जागृत हो सकती हैं। अनावश्यक चिन्तामुक्तपर से मुक्त होकर अपने कार्य पर ध्यान लगाना उचित होगा। गलत निर्णयो के कारण आर्थिक पक्ष कमजोर हो सकता हैं।

नवम्बर 2011 के द्वितीय सप्ताह के बाद में किये गये पूंजि निवेश द्वारा आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बन रहे है। अधिक साहस वाले कार्य करना स्वास्थ्य के लिये हानीकारक हो सकता हैं। क्रोध एवं वाणी पर नियंत्रण रखे। अत्याधिक भाग-दौड के कारण आपको थका सकती हैं। गुप्त विरोधि-शत्रुओं के कारण आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड सकता हैं। आपकी लापरवाही आपको लंबे समय का नुक्शान कर सकती हैं।

मई 2011 के प्रथम सप्ताह के बाद आपके कार्य क्षेत्र में सुधार होगा। यदि नोकरी में है तो आपकी पदौन्नती हो सकती हैं और व्यवसाय में हैं तो आपके व्यवसायीक लाभ में आकस्मिक वृद्धि हो सकती हैं। भूमि-भवन से संबंधिक कार्यो से लाभ प्राप्त होगा। भूमि-भवन इत्यादी में पूंजि निवेश से उचित लाभ प्राप्त हो सकता हैं।

धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यो को करने से मन प्रसन्न रहेगा। निम्न वर्ग के लोगो कि संगति करने से बचें। खाली समय में व्यर्थके कार्यो में अपना समय नष्ट करने से बचे। अपना समय किसी ना किसी कार्य में एवं अपनी योजनाओं को पूर्ण करने में बिताएं। आपके विरोधि एवं शत्रु वर्ग के लोग परास्त होंगे।

धनु मासिक राशि फल:

1 से 15 जनवरी 2011
इस दौरान आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त नहीं होंगे। महत्व के कार्यो के लिये आपको कर्ज लेना पड सकता हैं जो लाभ प्रद सिद्ध हो सकता हैं। महत्वपूर्ण क्रय-विक्रय के कार्यो को स्थगित करना उचित होगा। आपकी आर्थिक स्थिती कमजोर हो सकती हैं। इस दौरान आपको अपनी आँख, पैर और शरीर के अन्य हिस्सो का विशेष ध्यान रखना चाहिये।

16 से 31 जनवरी 2011
आर्थिक स्थिती सुधरेगी परंतु धन संग्रह करने में कठिनाई होगी। उच्च अधिकारी एवं सहकर्मी के कार्य परेशानियों संभव हैं। आत्म विश्वास से आगे बढते रहने का प्रयास करें। विपरित परिस्थिती में अपने क्रोध एवं गुस्से पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें। शत्रु पक्ष से सावधान रहें| आपको मानसिक अस्थिरता का अनुभव हो सकता हैं। अनिद्रा से परेशान हो सकते हैं।

1 से 14 फ़रवरी 2011
इस दौरान आपको अनुकूल परिणामो कि प्राप्ति होगी। आपका मन अत्याधिक ……………..>>

15 से 28 फ़रवरी 2011
इस अवधि में नई परियोजनाओं को शुरू करने हेतु समय फायदेमंद साबित हो सकता हैं। आर्थिक लाभ ……………..>>

1 से 15 मार्च 2011
इस दौरान आपको अनुकूल एवं लाभकारी फल प्राप्त हो सकता हैं। आपकी मेहनत और प्रयाशो ……………..>>

16 से 31 मार्च 2011
मित्र एवं परिवार के लोगो के सहयोग से मन प्रसन्न रहेगा। अनावश्यक कर्ज और पूंजि ……………..>>

1 से 15 अप्रैल 2011
अपने परिवार एवं इष्ट मित्रो के साथ में प्रसन्नता अनुभव कर सकते हैं। इस दौरान ……………..>>

16 से 30 अप्रैल 2011
विभिन्न कार्यों में आपकी रूचि रहेगी। आपकी मानसिक चिंताएं दूर ……………..>>

1 से 15 मई 2011
यह अवधि आपके लिये प्रतिकूल साबित हो सकती हैं। आकस्मिक कार्यो हेतु ……………..>>

16 से 31 मई 2011
अपना समय उद्देश्यो एवं योजनाओं को सफल करने में लगाएं। महत्वपूर्ण ……………..>>

1 से 15 जून 2011
आपके द्वारा महत्व पूर्ण कार्यो हेतु किये गये प्रयास सफल होगें। गलत निर्णयो के ……………..>>

16 से 30 जून 2011
आपकी महत्वपूर्ण योजनाएं सफल हो सकती हैं। फालतू खर्च एवं अनावश्यक कर्ज ……………..>>

1 से 15 जुलाई 2011
अधिकारी एवं सहकर्मी का सहयोग प्राप्त होने से रुके हुएं कार्य पूर्ण होगें। एक से ……………..>>

16 से 31 जुलाई 2011
नई परियोजनाओं को शुरू करने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने हेतु समय लाभप्रद ……………..>>

1 से 15 अगस्त 2011
इस अवधि में आपको प्रतिकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। दूरस्थ स्थानो कि व्यवसायीक ……………..>>

16 से 31 अगस्त 2011
आपको नया व्यवसाय या नौकरी प्राप्त हो सकती हैं। आपके आय के स्त्रोत्र में ……………..>>

1 से 15 सितम्बर 2011
आपके अधिनस्थ कर्मचारी से सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। आपके संग्रहित धन ……………..>>

16 से 30 सितम्बर 2011
समय आपके महत्वपूर्ण कार्यो एवं योजनाओं हेतु अनुकूल है। इस दौरान आपको अधिकांशतः ……………..>>

1 से 15 अक्टूबर 2011
इस अवधि के दौरान किसी नयी परियोजना को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लेना ……………..>>

16 से 31 अक्टूबर 2011
कार्यो में सावधानी बर्ते आपकी लापरवाही आपको लंबे समय का ……………..>>

1 से 15 नवम्बर 2011
आपके उच्चाधिकारे एवं अधिनस्थ कर्मचारी के सहयोग से ……………..>>

16 से 30 नवम्बर 2011
नौकरी-व्यवसाय में कार्य अचानक से बाधा-विघ्नो का समाना करना ……………..>>

1 से 15 दिसम्बर 2011
यह माह महत्वपूर्ण फैसला लेने के लिए और नयी परियोजना प्रारंभ ……………..>>

16 से 31 दिसम्बर 2011
आपकी योजना एवं उद्देश्यों को सफल होते देख पायेगें। महत्वपूर्ण ……………..>>



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