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शुक्रवार, नवंबर 19, 2010

जन्म कुंडली में नीच लग्नेश से रोग और परेशानी? (भाग:२)

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जन्म कुंडली में नीच लग्नेश से रोग और परेशानी? (भाग:२)

सिंह लग्न :
सिंह लग्न वाले जातकों का सूर्य तृतीय में होगा तो नीच का होगा या नेत्र, हृदय एवं हड्डी से संबंधित बीमारी अवश्य होगी। ऐसा जातक कुंठित होगा। पराक्रमहीन होगा व बुरे कार्य में बल दिखाने वाला होगा। ऐसा जातक व्यर्थ की बातों को लेकर झगड़े में पड़ने वाला होगा। इनके छोटे भाई-बहन नहीं होंगे। यदि किसी कारणवश हुए भी तो उनसे लड़ता-झगड़ता रहेगा, लेकिन ये स्वयं भाग्यशाली होंगे क्योंकि भाग्य पर उच्च दृष्टि पड़ेगी। अनिष्ट प्रभाव को कम करने के लिए माणिक स्वर्ण में बनवाकर शुक्ल पक्ष को 9 से 10 के बीच पहनें व सूर्यदेव को प्रातः दूध मिला जल चढ़ाएँ।उपरोक्त परेशानी होने पर व्यक्ति को
सूर्य ग्रह कि शांति हेतु गेहूँ, ताँबा, घी, गुड़, माणिक्य, लाल कपड़ा, मसूरकी दाल, कनेर या कमल के फूल, गौ दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

कन्या लग्न :
कन्या लग्न वाले जातकों का बुध दशमेश होकर सप्तम भाव में नीच का होने से दैनिक व्यापार-व्यवसाय में हानि, पार्टनर से धोखा, बेवफा पत्नी या पति मिलता है। ऐसा जातक शारीरिक दृष्टि से प्रभावी होता है, लेकिन नौकरी में सदैव परेशानियों से गुजरने वाला तथा शासन से अपयश ही मिलता है। ऐसे जातक को पन्ना पहनना चाहिए। सवा किलो हरे खड़े मूँग बहते पानी में बहाएँ व प्रति बुधवार मूँग की दाल का सेवन अवश्य सेवन करें व कोई भी एक हरा कपड़ा अवश्य पहनें या रुमाल या पेन रखें। उपरोक्त परेशानी होने पर व्यक्ति को

तुला लग्न
तुला लग्न वालों का स्वामी शुक्र अष्टमेश होकर द्वादश भाव में होगा, जो नीच का होगा। ऐसे जातक दुव्यर्सनों में खर्च करने वाले होंगे एवं इन्हें अनैतिक कार्यों में जेल भी जाना पड़ सकता है। ऐसा व्यक्ति नशीले पदार्थों का सेवन करने वाला, अनेक स्त्रियों से संपर्क रखने वाला व तस्कर भी हो सकता है। ऐसे जातक को हीरा तर्जनी में चाँदी में जड़वाकर शुक्रवार को धारण करना चाहिए। उपरोक्त परेशानी होने पर व्यक्ति को शुक्र ग्रह कि शांति हेतु श्वेत रत्न, चाँदी, चावल, दूध, सफेद कपड़ा, घी, सफेद फूल, धूप, अगरबत्ती, इत्र, सफेद चंदन दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं

वृश्चिक लग्न :
वृश्चिक लग्न वाले जातकों को षष्ठेश होकर नवम भाग्य भाव में नीच का मंगल होगा। ऐसे जातकों को भाग्योन्नति में बाधा आती है। धर्म के प्रति लापरवाह होते हैं। इन्हें अनेक बार गिरने से चोट लगती है एवं ऑपरेशन भी करना पड़ सकता है। ब्लडप्रेशर के शिकार भी हो सकते हैं। इनको भाइयों से उत्तम सहयोग मिलता है। वहीं ये पराक्रमी भी होते हैं। माता से शत्रुता रखने वाले भी हो सकते हैं। मूँगा पहनना इनके लिए श्रेयस्कर होता है। इनके लिए गुड़ का सेवन व गुड़ दान करना शुभ रहेगा।उपरोक्त परेशानी होने पर व्यक्ति को
(क्रमश.....)
>> जन्म कुंडली में नीच लग्नेश से रोग और परेशानी? (भाग:१)
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