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गुरुवार, अक्तूबर 07, 2010

मातृसुख एवं ज्योतिष

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मातृसुख एवं ज्योतिष


वैदिक ज्‍योतिष शास्त्र के अनुशार चतुर्थ भाव से व्यक्ति कि माता, वाहन, चल-अचल संपत्ति का स्‍थायित्‍व, सुख-शांति का विचार किया जाता हैं। मातृ सुख एवं सांसारिक सुख का विचार एवं माता कि स्थिती का पता लगा सकता हैं। अर्थात जिस व्यक्ति को माता का सुख प्राप्त होता हैं, वही व्यक्ति संसार में अन्य सुखों को भोग पाता हैं।

• लग्न कुंडली में चतुर्थ भाव अशुभ हो जाता हैं। उस जातक को मातृ एवं संसारिक सुख दोनो का अभाव रहता हैं।
• जिस जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में मित्रगत स्वराशि में गुरु, बुध, चंद्र, शुक्र आदि सौम्य ग्रह स्थित हों, तो जातक को मातृ सुख के साथ ही अन्य सुखों कि प्राप्ति होती हैं।
• यदि चतुर्थ भावा पर शुभ ग्रहों कि द्रष्टी हो, तो व्यक्ति को मातृ सुख के साथ ही अन्य सुखों कि प्राप्ति होती हैं।
• स्त्रियों कि कुंडली में चतुर्थ भावा से सास के साथ जातिका के संबधों को दर्शाता हैं।
• यदि स्त्री कि कुंडली का चतुर्थ भाव शुभ हो, चतुर्थ भाव में शुभ ग्रह स्थित हो या शुभ ग्रह कि द्रष्टी हो, तो उसे माता और ससुराल दोनों जगह मान-सम्मान प्राप्त होता हैं।
• यदि स्त्री कि कुंडली का चतुर्थ भाव अशुभ हो, चतुर्थ भाव में अशुभ ग्रह स्थित हो या अशुभ ग्रह कि द्रष्टी हो, तो उसे माता और ससुराल दोनों जगह मातृ सुख एवं अन्य सुखों में कमी रहती हैं।


विभिन्न ग्रहो का चतुर्थ भाव में प्रभाव
• यदि चतुर्थ भाव में सूर्य का शुभ प्रभाव हो, तो जातक कि माता उच्च पद वाली सूर्य के समान तेजस्वी होती हैं।
• यदि चतुर्थ भाव में चंद्र का शुभ प्रभाव हो, तो जातक कि माता शांत, दयालु स्वभाव कि मिलनसार होती हैं।
• यदि चतुर्थ भाव में मंगल का शुभ प्रभाव हो, तो जातक कि माता थोडी गुस्से वाली, भूमि-भवन कि स्वामी, परिवार का पोषण करने वाली होती हैं।
• यदि चतुर्थ भाव में बुध का शुभ प्रभाव हो, तो जातक कि माता चतुर, बुद्धिमान होती हैं।
• यदि चतुर्थ भाव में बृहस्पति का शुभ प्रभाव हो, तो जातक कि माता धार्मिक स्वभाव वाली होती हैं।
• यदि चतुर्थ भाव में शुक्र का शुभ प्रभाव हो, तो जातक कि माता सुंदर, तेजस्विनी होती हैं।
• यदि चतुर्थ भाव में शनि का शुभ प्रभाव हो, तो जातक कि माता धर्मपरायण होती हैं।
• यदि चतुर्थ भाव में राहु का शुभ प्रभाव हो, तो जातक कि माता राजनितिज्ञ होती हैं।
• यदि चतुर्थ भाव में केतु का शुभ प्रभाव हो, तो जातक कि माता सात्विक होती हैं।

यदि ग्रह अशुभ हो तो प्रतिकूल परिणाम प्राप्त होते देखे गये हैं।
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