Search

Shop Our products Online @

www.gurutvakaryalay.com

www.gurutvakaryalay.in


बुधवार, फ़रवरी 10, 2010

पंचामृत का महत्व

PanchaMrut ka mahatva, Pancha Amrut ka mahatva,

पंचामृत का महत्व

पंचामृत क्या हैं?
पंचामृत का मतलब हैं पांच तरह के अमृत का मिश्रण


पंचामृत को घी + दुध + दही + शहद + शक्कर मिला कर बनता हैं।
तो कहीं पंचामृत को घी + दुध + दही + शहद + गुड मिला कर बनाते हैं।

आध्यात्मिक द्रश्टि कोण से देखे तो जो व्यक्ति पंचामृत से देवमूर्ति (प्रतिमा) का अभिषेक करता हैं, उसे मुक्ति प्रदान हो जाती हैं।

भारतीय सभ्यता में पंचामृत का जो महत्व बताय गया हैं वह हैं, श्रद्धापूर्वक पंचामृत का पान करने वाले व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार की सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं, एवं उसका शरीर मृत्यु के पश्च्यात जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता हैं।

चिकित्सा शास्त्र के अनुशार गाय का दुध, गाय का घी, दही, शर्करा और मधु के सम्मिश्रण में रोगो का निवारण करने वाले गुण विद्यमान होते हैं, और यह शरीर के लिये लाभ कारक होता हैं।
इससे जुडे अन्य लेख पढें (Read Related Article)


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें